बिहार सरकार, शिक्षा विभाग द्वारा जारी विद्यालय अवकाश तालिका 2025 है। इसमें राज्य के सभी राजकीय, राजकीयकृत, परियोजना, उन्नत प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों (संस्कृत, उर्दू एवं मदरसा विद्यालयों सहित) के लिए पूरे वर्ष के अवकाशों की सूची दी गई है। इस तालिका में कुल 34 प्रकार के अवकाश निर्धारित किए गए हैं, जिनमें राष्ट्रीय पर्व, धार्मिक त्योहार, महापुरुषों की जयंती, एवं मौसमी अवकाश शामिल हैं।
प्रमुख जानकारी
इस कैलेंडर के अनुसार, वर्ष 2025 में विद्यालयों में कुल 72 अवकाश दिवस और 7 रविवार सम्मिलित हैं, जिससे कुल 65 कार्यदिवस के बराबर छुट्टियाँ निर्धारित की गई हैं।
जनवरी से मार्च तक के अवकाश
वर्ष की शुरुआत 6 जनवरी को गुरु गोविंद सिंह जयंती से होती है। इसके बाद 14 जनवरी को मकर संक्रांति, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस, 3 फरवरी को बसंत पंचमी, और 14 से 15 मार्च तक महाशिवरात्रि का अवकाश रखा गया है।
मार्च महीने में 22 मार्च को बिहार दिवस, 31 मार्च को इद-उल-फितर का अवकाश दिया गया है।
अप्रैल से जून तक के अवकाश
अप्रैल माह में कई महत्वपूर्ण छुट्टियाँ हैं — 6 अप्रैल को रामनवमी, 10 अप्रैल को महावीर जयंती, 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती, 18 अप्रैल को गुड फ्राइडे।
इसके अलावा 23 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि और 12 मई को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी। मई महीने में 2 से 21 मई तक ग्रीष्मकालीन अवकाश रखा गया है, जो विद्यालयों के लिए 20 दिनों का लम्बा अवकाश होगा।
जुलाई से सितंबर तक
6 जुलाई को मुहर्रम, 4 अगस्त को अतिवृष्टि ब्राह्मण सोमवती अमावस्या, 9 अगस्त को रक्षाबंधन, 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और 16 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का अवकाश रहेगा।
5 सितंबर को सरदार मोहम्मद अली जौहर दिवस, 6 सितंबर को ताजिया का अवकाश और 22 सितंबर को इद-ए-मिलादुन्नबी (बारावफात) रखा गया है।
अक्टूबर से दिसंबर तक
29 सितंबर से 7 अक्टूबर तक दुर्गा पूजा/नवरात्रि/विजयादशमी/महाष्टमी के लिए 10 दिन का अवकाश दिया गया है। इसके बाद 5 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा, और 25 से 31 दिसंबर तक शीतकालीन अवकाश रहेगा।
नोट :-
तालिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि मुस्लिम छात्रों के त्योहारों में आवश्यकतानुसार परिवर्तन किया जा सकता है। सभी विद्यालयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि शिक्षक निर्धारित अवकाश अवधि के बाद समय पर विद्यालय में उपस्थित रहें।
यह अवकाश तालिका 2025 छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए पूरे वर्ष की योजना बनाने में सहायक है। इसमें धार्मिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय महत्व के सभी पर्वों को शामिल किया गया है, जिससे शिक्षा और परंपरा दोनों का संतुलन बना रहे। बिहार शिक्षा विभाग द्वारा जारी यह कैलेंडर शिक्षण सत्र को व्यवस्थित और अनुशासित बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है।